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WHO की फेलोशिप पर हमीरपुर के अमरनाथ ने इंग्लैंड में किया था शोध, अब मिलेगा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 - Supreme Diagnostic Laboratory hamirpur

हमीरपुर के अमरनाथ शर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए उन्हें अब ICMLS (इंडियन कन्फेडरेशन ऑफ मेडिकल लेबोरेटरी साइंस) लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 मिलेगा. (Lab Technician Amarnath Sharma) (Lifetime Achievement Award)

Lab Technician Amarnath Sharma
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Published : Dec 4, 2022, 10:56 AM IST

हमीरपुर: 80 के दशक में इंग्लैंड में जाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में शोध करने वाले हमीरपुर के अमरनाथ शर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. अमरनाथ शर्मा लगभग 60 वर्ष से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे कर रहे हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए उन्हें अब ICMLS (इंडियन कन्फेडरेशन ऑफ मेडिकल लेबोरेटरी साइंस) लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 मिलेगा. हाल ही में भारतीय चिकित्सा प्रयोगशाला विज्ञान परिसंघ की ओर से इसकी घोषणा कर दी गई है. (Lab Technician Amarnath Sharma) (Lifetime Achievement Award)

परिसंघ एक भारतीय चिकित्सा प्रयोगशाला पेशेवर संघों की राष्ट्रीय पंजीकृत एसोसिएशन है. देशभर के 4 ऐसे स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य कर रहे विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा. ICMLS पुरस्कार समिति की ओर से जो नाम स्वास्थ्य के क्षेत्र में अलग-अलग कार्य के लिए इस अवार्ड के लिए तय किए गए हैं, उनमें अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए पुड्डुचैरी के डीसी आनंद, बेस्ट लेबोरेटरी प्रैक्टिस अवार्ड डॉ. सुरेंद्र कुमार शर्मा पीजीआई एमईआर चंडीगढ़, संगठनात्मक उत्कृष्टता पुरस्कार राज सिंह, टोंक फरीदाबाद हरियाणा, जबकि यंग साइंटिस्ट अवार्ड के लिए कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिला. जिस कारण यह इस बार नहीं दिया जा सकेगा. लाइफ-लाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के अमरनाथ शर्मा को चुना जाना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. (Amarnath Sharma will get Lifetime Achievement Award)

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चंडीगढ़ PGI से की थी करियर की शुरुआत: अमरनाथ शर्मा लेबोरेटरी के क्षेत्र में IGMC शिमला में जहां बतौर लेक्चरर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वहीं, उन्होंने PGI चंडीगढ़ में भी सराहनीय कार्य किया है. अमरनाथ शर्मा ने मास्टर ऑफ साइंस मेडिकल टेक्नोलॉजी में किया है. पीजीआई चंडीगढ़ के मेडिकल टेक्नोलॉजी एलुमनी एसोसिएशन के लाइफ मेंबर भी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ब्लड बैंक PGI चंडीगढ़ से की थी. इसके बाद उन्होंने लैब टेक्नीशियन के तौर पर सिविल अस्पताल कुल्लू में भी सेवाएं दीं. IGMC में SIT के पद पर रहे. इसके अलावा IGMC में उन्होंने लेक्चरर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं, PGI चंडीगढ़ से मास्टर डिग्री भी की है.

युद्ध के दौरान भारतीय सेना के लिए कार्य कर चुके हैं अमरनाथ: नौकरी के शुरुआती दिनों में पंजाब सरकार में कार्य करते हुए युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना के लिए भी अमरनाथ ने सेवाएं दी हैं. उन पलों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि नौकरी के वह शुरुआती दिन थे और उन्होंने भारतीय सेना के लिए सेवाएं दी हैं इसके लिए उन्हें गर्व होता है. अमरनाथ शर्मा कहते हैं कि 80 के दशक में डब्ल्यूएचओ के फेलोशिप के माध्यम से उन्होंने इंग्लैंड में रिसर्च वर्क किया और इसके बाद भारत में आकर इस क्षेत्र में लगातार 60 सालों से कार्य कर रहे हैं.

30 वर्षों से निजी लैब में कर रहे कार्य: अमरनाथ शर्मा पिछले 30 सालों से जिला मुख्यालय हमीरपुर में एक बड़ी लेबोरेटरी चला रहे हैं जिसमें हर छोटी बड़ी बीमारी के टेस्ट होते हैं. 90 के दशक से वह इस कार्य को कर रहे हैं. अमरनाथ शर्मा कहते हैं कि उन्होंने कभी भी इस कार्य को पैसे कमाने का जरिया नहीं समझा बल्कि उन्होंने मरीजों के दर्द को महसूस किया और जनसेवा की सोच के साथ ही इस कार्य को किया.

ये भी पढ़ें: KNH में नहीं बनेगा नया लेबर रूम, अब पुराने लेबर रूम का होगा जीर्णोद्धार

हमीरपुर: 80 के दशक में इंग्लैंड में जाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में शोध करने वाले हमीरपुर के अमरनाथ शर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. अमरनाथ शर्मा लगभग 60 वर्ष से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे कर रहे हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए उन्हें अब ICMLS (इंडियन कन्फेडरेशन ऑफ मेडिकल लेबोरेटरी साइंस) लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2022 मिलेगा. हाल ही में भारतीय चिकित्सा प्रयोगशाला विज्ञान परिसंघ की ओर से इसकी घोषणा कर दी गई है. (Lab Technician Amarnath Sharma) (Lifetime Achievement Award)

परिसंघ एक भारतीय चिकित्सा प्रयोगशाला पेशेवर संघों की राष्ट्रीय पंजीकृत एसोसिएशन है. देशभर के 4 ऐसे स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य कर रहे विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा. ICMLS पुरस्कार समिति की ओर से जो नाम स्वास्थ्य के क्षेत्र में अलग-अलग कार्य के लिए इस अवार्ड के लिए तय किए गए हैं, उनमें अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए पुड्डुचैरी के डीसी आनंद, बेस्ट लेबोरेटरी प्रैक्टिस अवार्ड डॉ. सुरेंद्र कुमार शर्मा पीजीआई एमईआर चंडीगढ़, संगठनात्मक उत्कृष्टता पुरस्कार राज सिंह, टोंक फरीदाबाद हरियाणा, जबकि यंग साइंटिस्ट अवार्ड के लिए कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिला. जिस कारण यह इस बार नहीं दिया जा सकेगा. लाइफ-लाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के अमरनाथ शर्मा को चुना जाना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. (Amarnath Sharma will get Lifetime Achievement Award)

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चंडीगढ़ PGI से की थी करियर की शुरुआत: अमरनाथ शर्मा लेबोरेटरी के क्षेत्र में IGMC शिमला में जहां बतौर लेक्चरर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वहीं, उन्होंने PGI चंडीगढ़ में भी सराहनीय कार्य किया है. अमरनाथ शर्मा ने मास्टर ऑफ साइंस मेडिकल टेक्नोलॉजी में किया है. पीजीआई चंडीगढ़ के मेडिकल टेक्नोलॉजी एलुमनी एसोसिएशन के लाइफ मेंबर भी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ब्लड बैंक PGI चंडीगढ़ से की थी. इसके बाद उन्होंने लैब टेक्नीशियन के तौर पर सिविल अस्पताल कुल्लू में भी सेवाएं दीं. IGMC में SIT के पद पर रहे. इसके अलावा IGMC में उन्होंने लेक्चरर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं, PGI चंडीगढ़ से मास्टर डिग्री भी की है.

युद्ध के दौरान भारतीय सेना के लिए कार्य कर चुके हैं अमरनाथ: नौकरी के शुरुआती दिनों में पंजाब सरकार में कार्य करते हुए युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना के लिए भी अमरनाथ ने सेवाएं दी हैं. उन पलों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि नौकरी के वह शुरुआती दिन थे और उन्होंने भारतीय सेना के लिए सेवाएं दी हैं इसके लिए उन्हें गर्व होता है. अमरनाथ शर्मा कहते हैं कि 80 के दशक में डब्ल्यूएचओ के फेलोशिप के माध्यम से उन्होंने इंग्लैंड में रिसर्च वर्क किया और इसके बाद भारत में आकर इस क्षेत्र में लगातार 60 सालों से कार्य कर रहे हैं.

30 वर्षों से निजी लैब में कर रहे कार्य: अमरनाथ शर्मा पिछले 30 सालों से जिला मुख्यालय हमीरपुर में एक बड़ी लेबोरेटरी चला रहे हैं जिसमें हर छोटी बड़ी बीमारी के टेस्ट होते हैं. 90 के दशक से वह इस कार्य को कर रहे हैं. अमरनाथ शर्मा कहते हैं कि उन्होंने कभी भी इस कार्य को पैसे कमाने का जरिया नहीं समझा बल्कि उन्होंने मरीजों के दर्द को महसूस किया और जनसेवा की सोच के साथ ही इस कार्य को किया.

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